गुरुवार को दोपहर के 12 बजे का समय था। जयपुर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में मेयर चुनने के लिए भाजपा और कांग्रेस के पार्षद वोटिंग कर चुके थे। काउंटिंग शुरू हो गई थी। आधे 1 घंटे बाद मैसेज आया कि ई-मेल पर आया की काउंसलिंग की गिनती रुखा दी गई है यह इतिहास में पहली बार हुआ था कि राजस्थान में एक ईमेल के द्वारा गिनती को रुकवा दी गई और बेटियों को सील कर दिया गया और पता है लगाया जा रहा है कि यह मेल किसने भेजा और किसके पास भेजा और क्यों भेजा इसकी पूरी जांच की जा रही है ऐसा होना संभव था लेकिन यह राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ है इसकी पूरी जानकारी हम आपको देंगे लेकिन उसको आगे जाने से पहले आपको पता है कि यह चुनाव क्यों हो रहा है27 सितंबर को जयपुर ग्रेटर नगर निगम की तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। सौम्या भाजपा से हैं और राज्य सरकार कांग्रेस की है। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने नए मेयर के चुनाव की घोषणा की यह चुनाव करने का भी बहुत बड़ा कारण था सौम्या गुर्जर ने बर्खास्तगी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई। उनकी जगह भाजपा ने रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाया। वहीं, कांग्रेस ने हेमा को उम्मीदवार माना जा रहा था और हेमा का दावा था कि उनके साथ कांग्रेस के 49 और 5 निर्दलीय पार्षद हैं। BJP से असंतुष्ट पार्षद भी उनके साथ हैं। जबकि, रश्मि अपनी पार्टी के 85 पार्षद एकजुट होने के दावे के साथ जीत तय मान रही थीं हेमा बीजेपी की साइड थी इसी कारण किए जा रहे थेआज से ठीक 2 साल पहले यानी 10 नवंबर 2020 को ही जयपुर नगर निगम ग्रेटर के मेयर के चुनाव हुए थे। तब भाजपा से सौम्या गुर्जर उम्मीदवार थी, जबकि कांग्रेस से दिव्या सिंह। इन चुनावों में सौम्या गुर्जर को 150 में से 97 वोट मिले थे, जबकि दिव्या सिंह को 53 वोट। इस तरह सौम्या 44 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करते हुए नगर निगम ग्रेटर की पहली मेयर बनी थी।
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