18 में से 14 बांधों से इसी माह शुरू होनी है सिंचाई, लेकिन नहरें कचरे से अटी है, टूट रही, टेल तक पानी पहुंचने में
November 19, 2022
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हम आपके लिए फिर तो कुछ नहीं खास खबर लेकर आया है 18 से 14 वोटों के इस महीने शुरू होने वाली सिंचाई के लिए कचरे से अटी हुई टूट रहे हैं टेलर पानी पहुंचने में आ सभी जानते हैं कि हमारी सरकार सारे नियम योजनाएं चलाई गई है इस योजना का मेन मुख्य उद्देश्य यह था कि गंदगी ना फैलाएं और उसे क्या सभी जानते हैं कि जब लोग करना नदियों में नहाने जाते हैं तो अपने बोतल वगैरा नदियों में फेंक देते हैं जिससे कि पानी आगे जाकर रुक जाता है और आप पॉलिथीन को जगह-जगह फेंक देते हैं जिससे कि उन पर मिट्टी आजादी और पेड़ पौधे रुकना आना बंद हो जाता है इससे की हारी प्रगति पर कहां पर प्रभाव पड़ता है और हमें हमारे घर परिवार आदि की स्वच्छता रखनी चाहिए हमें पेड़ों पर पेड़ नहीं काटने चाहिए जिससे कि हमारी प्रकृति पर करनी होती है पेड़ काटने पर बरसात नहीं होती जिससे कि हमारे फसलों आदि में पानी नहीं लग पाता है और पानी की कमी आ जाती है जिससे कि वादों और बोतलों से प्लास्टिक से काफी प्रभाव पड़ता है हमारी प्रगति पर काफी खतरनाक हैजिले में नहरें किसानों की लाइफ लाइन है। इस बार भी सवाई माधोपुर में 14 बांधों से सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। पानी नहरों में देने की तैयारी हो चुकी है, लेकिन अधिकांश जगहों पर सिंचाई विभाग ने नहरों की मरम्मत तथा सफाई की तरफ ध्यान नहीं दिया है। जिले के 13 बांधो की नहरों में पानी छोड़ने को लेकर शुक्रवार को जल वितरण समिति की बैठक होगी। मोरेल बांध समिति की 21 नवंबर को बैठक होगी। 13 बांधों से 20 नवंबर व मोरेल बांध से 22 नवंबर तक नहरों में पानी छोड़ने की संभावना है। ऐसी ही एक घटना सवाई माधोपुर जिले में हुई है जहां बातों को चालू करने के लिए गए जब देखा कि बांध प्लास्टिक की बोतलें प्लास्टिक की थैली आदि पढ़ी हुई इसलिए बांध को पानी पड़ना रोक दिया गया है और इससे किसानों को काफी घटनाएं हो रही है तो वह खुद ही साफ कर रहे हैं इससे कि उनकी फसलों में पानी नहीं लग पा रहा है इससे फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है इसलिए वह भारत सरकार द्वारा निवेदन किया जा रहा है कि उन्हें जल्द से जल्द साफ कराया जाए नगरपालिका के लोग ब्रुनेई की जाए लेकिन हमें भी ध्यान रखना चाहिएऔर हम भी इस समस्याओं का ध्यान नहीं रखते हैं तो हमें भी आगे वाले समय में काफी कठिनाई होगी और हमें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जिससे कि पानी की समस्या का आज आप लोगों ने देखा होगा कि पेड़ काटने पर वर्षा कम हो रही है यह इसका कारण हम लोगों की है क्योंकि हमारी पेड़-पौधों काटते हैं उनकी हनी करते और अभी पॉलिथीन वगैरह को जल्दी फेंक देते हैं जिससे कि हमारी धरती बंजर हो रही है और हम पेड़ पौधों काटते हैं लकड़ियों के लिए हम को काट दें जिससे कि वर्षा होने पर काफी कठिनाई होती है और जल्द से जल्द नहीं हो पाती है आप सभी से अनुरोध है कि पेड़ काटते हुए नजर आता है तो आप पुलिस में कंप्लेन करें जिससे कि पुलिस को कराए और उस व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएजिले में गत मानसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त 30 बांधों, नहरों, माइनर की मरम्मत के लिए पूर्व कलेक्टर ने 95 लाख 16 हजार 600 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी। कलेक्टर ने सूरवाल बांध के लिए 2.4 लाख रुपए, देवपुरा बांध के लिए 1.5 लाख, मुई बांध के लिए 1.5 लाख, पांचोलास बांध के लिए 1.5 लाख, मानसरोवर बांध के लिए 9.9 लाख, सलाई सागर बांध के लिए 1.5 लाख, नागोलाव बांध के लिए 1.5 लाख, मोरेल मुख्य नहर समेत माइनर के लिए 60 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इस बार 200 किलोमीटर की क्षतिग्रस्त 22 नहरी तंत्र की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग की ओर से 50.78 लाख रुपए का प्रस्ताव विभाग मुख्यालय को भेजा था। इस पर अब तक मंजूरी का इंतजार है।
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