अब्दुल कलाम जी का जीवन परिचय जाने के लिए हमारे दी गई पूरी जानकारी को पढ़ें
September 23, 2022
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पारीक जीवन अब्दुल कलाम जी का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम दलित मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था उनके पिता का नाम अलाउद्दीन था जो नाव के किनारे पर काम किया करते थे वह ना नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे पर ले जाया करते थे कलाम जी के पिता अनपढ़ थे पर विचार सोच के लोगों से भी उनके विचार बहुत अच्छे थे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम अब्दुल शाकिर अलाउद्दीन अब्दुल कलाम था एक नाविक के परिवार में जन्मे थे वह 2002 से 2007 तक भारत के यार वे राष्ट्रपति थे एक रक्षा वैज्ञानिक के रूप में उनका जीवन अतुलनीय रहा है यह उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न प्राप्त हुआ है भारतीय संस्थान से लांगरा क्या देते समय कलाम अचानक गिर पड़े उस दिल का दौरा पड़ने से 27 जुलाई 2015 को शांत हो गए एक बार सभा में एक आदमी ने पूछा कि अब्दुल कलाम कोन ha एक बच्चे ने कहा कि अब्दुल कलाम वह है कि इनका वर्णन नहीं किया जा सकता वह एकमात्र सीधे भारतवासी है अब्दुल कलाम जी का वर्णन किसी भी किताब आदि में नहीं किया जा सकता ऐसे ही की वह बहुत महान थे ऐसा में बच्चे ने पूछा कि जीवन के सफल होने पर उपाय क्या है तो अब्दुल कलाम जी ने कहा कि 4 उपाय अब्दुल कलाम जी ने कहा कि पहले अपने लक्ष्य को चुनो फिर उसके बारे में पूरी पता करो फिर उसके लिए पूरी मेहनत करो और फिर हार मत मानो इससे कि आपका जीवन सफल हो जाएगा और आप अपने अपनी स्थिति तक पहुंच जाओगे अपनी मंजिल प्राप्त कर लोगे एक बार पंडित शास्त्री के लड़के के साथ पहली बेंच पर बैठे थे तो टीचर आए और क्रोधित हुए कि वह मुस्लिम तू पंडित जी के लड़के के साथ बैठा है और उनको मारा और उनको पीछे वाली बेंच पर बिठा दिया अब्दुल कलाम जी की स्थिति कमजोर होने के कारण यह सुबह उठकर अखबार बेचा करते थे उन्होंने अखबार का काम इसलिए चुना कि वह अखबार बेचते समय को पूरा अखबार पढ़ लिया करते थे उनके काम से दूर एक में अच्छे मैथ के टीचर थे उन्होंने कहा कि मैं सुबह एक घंटा क्लास फ्री रहूंगा जो सुबह नहा धोकर जल्दी आएगा तो अब्दुल कलाम जी उठे और सुबह जल्दी नहा धो के ठंडे पानी से नहा क्लास में पहुंच जाया करते थे चाय आंधी तूफान हो तो वह पढ़ा करते थे जब उनके घर में लाइट नहीं थी वह लालटेन का उपयोग करके पढ़ा करते थे लाइट 10 भी 2 घंटे चला करती थी उनके माता-पिता ने देखा कि कि पढ़ने में रुचि है तो वह खुद को अंधेरे में रखकर इनके लिए 2 घंटे लालटेन और बढ़ा देते थे जब पांचवी कक्षा में थे इनके अध्यापन श्री सुब्रह्मण्य एयर जी ने पूछा की चिड़िया कैसे उड़ती है teacher in talab ke paas Lage aur udati Hui चिड़िया दिखाई तो यह समझ गए और जब इन्होंने दूसरे स्कूल में एडमिशन लिया तो यह गलत क्लास में पहुंच गए तो टीचर ने हमारा और कहा कि तक तुम्हें क्लास के बारे में नहीं पता तुम कैसे पढ़ोगे तीनों ने बहुत मेहनत करके सो मुझे सो नंबर लाए और टीचर भी हैरान हो गए फिर उन्होंने मद्रास में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मीनू ने एडमिशन दिया और इनकी बहन में इनका पूरा खर्चा उठाया इनकी बहन ने जेवर को गिरवी रख के इनको ₹1000 दिए इन्होंने कॉलेज में गए और उन्होंने दिमाग बनाया तो टीचर को पसंद नहीं आया टीचर ने कहा कि अगर तुमने अच्छा अभिमान नहीं मैं तुम्हारी स्कूल शिवपुरी हिंदी जाएगी तो स्कॉलरशिप का नाम सुनते ही एपीजे अब्दुल कलाम घबरा गए और टीचर से 1 महीने की उन्होंने मांग की तो टीचर वाले 1 महीने नहीं 3 दिन वह 3 दिन लगातार काम करती रहोगी ना खाया पिया बस उन्होंने लगातार काम करते रहे उन्होंने ऐसा बीमा बनाया कि टीचर देखकर खुश हो गए और आंखों में से आंसू आने लगे और उन्होंने बहुत मेहनत करके अपनी पढ़ाई को पूरी करी और वह मेहनत इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करी और वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते ही चले गए
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