सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी
September 23, 2022
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सरदार वल्लभभाई पटेल का पूरा नाम सरदार वल्लभ भाई जावेद भाई पटेल था इनका जन्म 31 अक्टूबर अट्ठारह सौ पचहत्तर नडियाद बॉम्बे प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत में हुआ था इनकी मृत्यु 15 दिसंबर 1950 उम्र 75 वर्ष मुंबई मुंबई राज्य भारत में हुई थी इनकी राष्ट्रीयता भारतीय था इनका पैसा वकालत राजनीति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी था इनकी उपलब्धि भारत के लौह पुरुष पर भारत का विस्तार के रूप में प्रसिद्ध आजादी के बाद विभिन्न रियासतों के एकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाई और भारत के और टुकड़े होने से बचाया सरदार वल्लभभाई पटेल एक अद्भुत शिल्पी थे जिनके हृदय में भारत बसता था भारतीय जनमानस आधार इन्हें किसान की आत्मा कहा जाता था स्वतंत्रता भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल बर्फ से ढके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक ज्वालामुखी से यह नवीन भारत के निर्माता के नाम से जाने जाते थे आधार वह इन्हें भारत का लोहा Purush सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार भी थे सरदार वल्लभभाई पटेल के पिता का नाम श्री जुबेर भाई पटेल था वह इनकी माता का नाम श्रीमती लाडवा देवी की चौथी संतान थे सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात के नाडिया नामक स्थान पर 31 अक्टूबर को हुआ था कि एक किसान के पुत्र थे सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी प्रारंभ में स्वाध्या के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की बाद में उन्होंने वकालत की पढ़ाई करने के लिए यह लंदन चले गए सरदार वल्लभभाई के सम्मान में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया गया है भारत सरकार ने इसे सरदार वल्लभभाई पटेल की के सम्मान के रूप में बनाया है यह प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर ऊंची है यह प्रतिभा देश को एक साथ बांधे रखने वाले नेता के लिए उचित सम्मान का प्रतीक मानी गई है इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर या 597 फीट है इस प्रतिभागी लागल 2989 करोड हे यह प्रतिमा के निर्वाचक लार्सन तुम बारो है यह प्रतिमा सरदार सरोवर बांध से 3 पॉइंट 2 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी पर स्थित साधु बेट नाम के Tapu पर बनाई गई है जिला नर्मदा राज्य गुजरात क सरदार वल्लभभाई पटेल ने खेड़ा संघर्ष में भी काफी बलिदान दिया सरदार वल्लभभाई पटेल का सबसे पहला और सबसे बड़ा योगदान तंत्र का आंदोलन में खेड़ा संघर्ष में हुआ यह दूल्हा भयंकर सूखे की चपेट में था किसानों ने अंग्रेज सरकार से इस आंदोलन में भारी कर से छूट की मांग करने के लिए यह आंदोलन किया गया जब उनकी मांग को अंग्रेजों ने स्वीकार नहीं किया तो सरदार पटेल ने किसानों का साथ दिया और उन्हें करना देने के लिए प्रेरित किया अंत में सरकार को उनका फैसला मानना ही पड़ा वह सरकार कौन की आगे झुकना पड़ा और किसानों को करो से राहत दी गई यह सरदार पटेल की सबसे पहली सफलता थी उसके बाद किसानों को कर नहीं देना पड़ता था
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