भाडौती मथुरा मेगा हाईवे पर शनिवार रात बाटोदा व गोठ तिबारे के बीच अज्ञात वाहन ने एक बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार दंपत्ति गंभीर घायल हो गए। जिनको उपचार के लिए मलारना डूंगर CHC पहुंचाया गया। जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद सवाई माधोपुर जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया।108 एंबुलेंस के कंपाउंडर तौफीक खान व पायलट हारुन खान ने बताया कि शनिवार रात करीब सवा 9 बजे बाइक सवार विजय (26) पुत्र रामकरण व सुगना (24) पत्नी विजय निवासी सवासा बाइक पर सवार होकर गोठ गांव जा रहे थे। इसी दौरान भाडौती मथुरा मेगा हाईवे पर बाटोदा व गोठ तिबारे के बीच अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार दंपत्ति गंभीर घायल हो गए। सड़क से गुजर रहे राहगीरों ने घटना की सूचना 108 एंबुलेंस को दी।
सूचना के बाद 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची। जहां से घायल बाइक सवार दंपत्ति को मलारना डूंगर CHC पहुंचाया, लेकिन बाइक राइडर विजय पुत्र रामकरण की हालत ज्यादा गंभीर होने पर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सवाई माधोपुर जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जिसके बाद दोनों पति-पत्नी को 108 एंबुलेंस की सहायता से सवाई माधोपुर जिला अस्पताल पहुंचाया गया।108 एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि फिलहाल बाइक को टक्कर मारने वाले अज्ञात वाहन का कोई सुराग नहीं लग पाया आप सभी जानते हैं कि हमें गाड़ी धीरे चलानी चाहिए क्योंकि हमारे काम के लिए निकलते हैं लेकिन हम घर से निकलने में तुम्हारा कोई पता नहीं होता कि हम तुम्हारे घर आएंगे या नहीं एक घटना होती रहती है हमें तो हम दो पहिए वाली गाड़ी पर हो सवार होते हैं तो हमें हेलमेट लगाना चाहिए और हम चार पहिया वाली गाड़ी पर यात्रा करते तो हमें सेलबिल्ड लगानी चाहिए जिससे कि अगर हमारा ही हो तो हम बस सके सरकार द्वारा न जाने कितने तरह के योजनाएं चल रही है यातायात नहीं मानते के लिए कहती है कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए इसलिए हमारी मां बहन पतली बच्चे आदि हमारी राह देखते हैं और शाम को देखते हैं मेरे पापा बेटा भाई घर आएंगे इसलिएगाड़ी में सीट बेल्ट न पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगताआप वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको तीन प्रकार से ट्रैफिक चालान भरने पड़ेंगे। ऑन द स्पॉट चालान: इस प्रकार का चालान ट्रैफिक पुलिस तब काटती है, जब पुलिस नियम तोड़ने वाले व्यक्ति को मौके पर ही रंगे हाथों पकड़ लेती है। है. ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगता है. ओवरस्पीडिंग करने पर 2000 रुपये तक का जुर्माना लगता है. ड्रिंक एंड ड्राइव करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगतायातायात के नियम क्या होते है ? सड़क परिवहन के निर्बाध सञ्चालन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमो को ही यातायात नियम कहा जाता है।एडवोकेट सुनील आनंद ने बताया कि झूठ बोलने वाले शख्स को पहले सीआरपीसी की धारा-344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। फिर उस पर सुनवाई होती है। झूठ साबित होने पर उसे 6 महीने की कैद व 500 से 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। सड़क सुरक्षा हेतु यातायात के नियमो का पालन करना आवश्यक है। यातायात के नियमो का पालन करना क्यों आवश्यक है ?आप वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको तीन प्रकार से ट्रैफिक चालान भरने पड़ेंगे। ऑन द स्पॉट चालान: इस प्रकार का चालान ट्रैफिक पुलिस तब काटती है, जब पुलिस नियम तोड़ने वाले व्यक्ति को मौके पर ही रंगे हाथों पकड़ लेती है।
चालान कितने प्रकार के होते हैं?
यदि आप वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको तीन प्रकार से ट्रैफिक चालान भरने पड़ेंगे। ऑन द स्पॉट चालान: इस प्रकार का चालान ट्रैफिक पुलिस तब काटती है, जब पुलिस नियम तोड़ने वाले व्यक्ति को मौके पर ही रंगे हाथों पकड़ लेती है।
ट्रैफिक चालान कितने प्रकार के होते हैं - Adhikar ...
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भारत में चालान कौन काट सकता है?
ट्रैफिक जुर्माना कितने समय के लिए वैध होता है?
0 चालान क्या होता है?
चालान को इंग्लिश में क्या कहते हैं
ट्रेजरी चालान का क्या अर्थ है
चालान सीजीटीसी नामक छत्तीसगढ़ कोषागार संहिता के 7(ए) और 8(बी) के नियमानुसार सरकारी भुगतान के लिए निर्धारित एक मानक प्रपत्र हैजो अपराध अधिकतम दस वर्ष तक के कारावास से दंडित करने का प्रावधान करते हैं वहां चालान 60 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाएगा और जहां अपराधों में दस वर्ष से अधिक और आजीवन कारावास एवं मृत्यु दंडादेश का उल्लेसीआरपीसी की धारा 125 (CrPC Section 125)
(ख) पत्नी के अंतर्गत ऐसी स्त्री भी है जिसके पति ने उससे विवाह-विच्छेद कर लिया है या जिसने अपने पति से विवाहविच्छेद कर लिया है और जिसने पुनर्विवाह नहीं किया है. (2) भरणपोषण या अंतरिम भरणपोषण के लिए ऐसा कोई भत्ता और कार्यवाही के लिए व्यय, आदेश की तारीख से.07दहेज उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्याओं के मामलों को देखते हुए 1983 में आईपीसी में धारा 498ए शामिल की गई थी। ये एक गैरजमानती धारा है। इसका मुख्य उद्देश्य महिला को पति या उसके रिश्तेदारों की प्रताड़ना से बचाना गाली गलौज करना एक दूसरे को अश्लील गालियां देना भारतीय दंड संहिता की धारा 294 में दंडनीय अपराध है.2एडवोकेट सुनील आनंद ने बताया कि झूठ बोलने वाले शख्स को पहले सीआरपीसी की धारा-344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। फिर उस पर सुनवाई होती है। झूठ साबित होने पर उसे 6 महीने की कैद व 500 से 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।