
कोरोना महामारी से लड़ने के क्रम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के बिल को नियत्रिंत करने का संवेदनशील निर्णय लिया है। प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रूपये प्रति जांच तथा अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रूपये प्रतिदिन और वेन्टीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रूपये प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे।
कोरोना संक्रमण की स्थिति पर शुक्रवार को निवास पर दो घंटे से ज्यादा समय तक हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल की वसूली ना हो। इसके लिए महामारी अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के तहत आदेश जारी किए जाएं और उनकी सख्ती से पालना हो। मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 21 जून से शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान को सही रूप में जनता का अभियान बनाया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर प्रदेशवासी अपनी और अपनों की सेहत के प्रति सर्तक रहे। 22 जून को अभियान का डिजिटल लॉन्च होगा, जिसमें प्रदेश भर के पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों और प्राधिकारियों सहित लगभग 1 लाख लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे। जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव भी जिला मुख्यालयों पर मौजूद रहकर अभियान में शामिल होंगे।
अभियान का उद्देश्य आमजन को यह संदेश देना है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के लिए जांच, मरीजों के इलाज, सदिंग्ध संक्रमितों के क्वारेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था कर ली है, लेकिन इस महामारी से बचाव के लिए जनता को खुद अपना ध्यान रखना होगा। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है। इसलिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने, साबुन से हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में बरती गई लापरवाही महंगी पड़ सकती है।
जागरूकता अभियान के लिए जिलों के दौरे के दौरान प्रभारी मंत्री जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना के संक्रमण की स्थिति के साथ-साथ गैर-कोविड बीमारियों की स्थिति, पेयजल आपूर्ति, मनरेगा कार्योें, टिड्टी नियंत्रण अभियान आदि की समीक्षा करेंगे। निर्देश दिए कि मंत्रियों के जिलों के भ्रमण के समय स्थानीय स्तर पर भीड़ नहीं जुटाने, सोशल डिस्टेसिंग तथा मास्क पहनने की अनिवार्यता की सख्ती से पालना की जाए। जागरूकता अभियान के दौरान कोविड-19 के लिए हेल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारम्भ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव में निर्माण कार्यों की शुरूआत कर किया। निवास से वीसी के माध्यम से शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अभियान के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड़ एवं उड़ीसा के 116 जिलों का चयन किया गया है जहां 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। इन जिलों में 125 दिन में पूरे किये जा सकने वाले 25 कार्य चिन्हित किये गये हैं। कोरोना संकट के कारण इन छह राज्यों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर लौटकर आये हैं। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना इस अभियान का उद्देश्य है।
अभियान में राजस्थान के 22 जिले पाली, उदयपुर, जालौर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चितौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, सीकर, अलवर, करौली, भरतपुर, हनुमानगढ़, झुन्झुनू, चूरू एवं जयपुर शामिल किये गये हैं।
कोरोना जागरूकता अभियान (21—30 जून 2020) #जागरूक_राजस्थान
लोगों का जीवन बचाने के लिए वृह्द स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने वाला राजस्थान पहला राज्य...
कोरोना से बचाव का संदेश गांव-ढाणी, मोहल्ले तक पहुंचाया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, कठपुतली आदि के जरिए जीविकोपार्जन करने वाले लोक कलाकारों की भी सेवाएं ली जाएंगी।
जन आधार से जुड़े हुए 1 करोड़ 93 लाख लोगों के मोबाइल पर कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता संदेश भेजे जाएंगे।
जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रास रूट तक कार्मिकों को इससे जोड़ा जाएगा।
निजी कार्यस्थलों एवं वाणिज्यिक संस्थानों के परिसरों में कोरोना से सुरक्षात्मक उपायों को प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।